
खरगोश और कछुआ
एक जंगल में कछुआ ओैर खरगोश रहते थे।वे दोनो बहुत गहरे दोस्त थे। लेकिन जब कछुआ धीरे.धीरे चलता था तो खरगोश हमेशा हँसता था। खरगोश े कि इस आदत से कछुआ बहुत दुखी रहता था।
एक दिन कछुए ने खरगोश से दौड़ की शर्त लगाई। उसने सोचाए कि वह शर्त जीत लेगा क्योंकि वह तेजी से दौड़ता है । फिर दौड़ शुरू हुई। खरगोश खूब तेज दौड़ने लगा। वह जल्दी ही कछुए से काफी आगे निकल गया।
अपनी जीत सुनिश्चित मान कर खरगोश सोचने लगाए अभी कछुआ बहुत पीछे हैं। वह धीरे धीरे चलता है। इतनी जल्दी शर्त जीतने की जरूरत क्या हैघ् पेड़ के नीचे बैठकर थोड़ा आराम कर लूँ। जब कछुआ पास आता दिखाई देगाए तो मैं दौड़कर उससे आगे निकल जाऊँगा और शर्त जीत लूंगा। यह देख कर कछुआ खूब नाराज होगा। बड़ा मजा आयेगा।

खरगोश पेड़ की छाया में आराम करने लगा। कछुआ अब भी काफी पीछे था। थकान के कारण खरगोश को नींद आ गयी। लेकिन कछुआ लगातांर चलता गया औेर वह अपनी मंजिल तक पहुच गया । जब उसकी आँख खुली तो उसने देखा कि कछुआ आगे चला गया है और विजय.रेखा पारकर मुस्करा रहा है।
खरगोश शर्त हार गया।
खरगोश और कछुआ की कहानी से शिक्षा :-
धैर्य और लगन से काम करके कम शक्ति वाला व्यक्ति भी विजयी होता है।
खरगोश और कछुआ,
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खरगोश और कछुआ
खरगोश और कछुआ
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